इंदौर में करणी सेना की रैली से ये बात तो सिद्ध हो गयी है कि क्षत्रिय समाज के हित में जमीनी स्तर पर यही संगठन काम कर रहा है।। करणी सेना के द्वारा रैली की बिते एक माह से तैयारी की जा रही थी, जिसके परिणाम स्वरूप प्रदेश के विभिन्न जिलों के लाखों क्षत्रिय बंधुओं ने इसमे अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।। दूर-दूर से स्वयं के निजि वाहनों से ये इंदौर पहुंचे।। रैली की गूंज इंदौर या प्रदेश तक ही सीमित नहीं है, देशभर में सुनाई दे रही है।। *बधाई करणी सेना।।*👍👍💐💐
दूसरी और अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा और ऐसे अन्य संगठनों के नाम पर सिर्फ दुकान चलाई जा रही है।। इन संगठनों के कर्ता धर्ता वर्ष में एक दो अवसरों पर ही नजर आते है और इसमे भी समाज की भलाई कम अपनी निजि दुकान चलाने की कवायद अधिक की जाती है।। इन संगठनों के थके हारे, घिसे पीटे और आगे पीछे घूमने वाले चेहरे इस कारण से अपनी प्रासंगिकता भी खोते जा रहे है।। इनके आव्हान पर मुट्ठी भर लोग या फिर अन्य समाज के लोग ही जुटते है।। दुकान बंद नहीं हो जाये ऐसे चुनिंदा लोगों ने कॉकस भी बना रखा है, बंद कमरे में बैठ कर सबकुछ तय कर लेते है और आपस में पदों की अदला बदली भी करते रहते है।। जबकि इनके पदों का समाज के बाहर और अंदर कोई महत्व भी नहीं रहता है।। विभिन्न समाचार पत्रों व चोराहों पर जरूर स्वयं के खर्च या चंदा चोली से विज्ञापनों और होर्डिंग-पोस्टर से महिमा मंडित होते रहते है।।
वैसे आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू होगा या नहीं ये भविष्य के गर्भ में है।। लेकिन समाज हित में सबसे अच्छे कार्य *सर्व ब्राह्मण समाज और वैश्य* समाज के विभिन्न घटकों द्वारा किए जा रहे है।। इनके यहां लोकतांत्रिक व्यवस्था भी दिखाई देती है।। क्षत्रिय समाज को भी इनसे सिख लेकर अनुसरण करना चाहिए।। तभी समाज की अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्तियों का कुछ हद तक भला हो सकेगा।।
■ *जय रघुनाथ जी। जय महाराणा प्रताप।। जय महाराजा छत्रसाल।।*
करणी सेना का ही जमीनी काम* *बाकी संगठनों में चल रही दुकान