उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा महात्मा गांधी के 150 वें जयंती वर्ष पर द्विदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 21 एवं 22 सितंबर 2019 को किया जाएगा। महात्मा गांधी : शिक्षा, संस्कृति और भारतीय भाषाएं पर केंद्रित इस संगोष्ठी में अनेक राज्यों के विद्वान और अध्येता सहभागिता करेंगे। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की हिंदी अध्ययनशाला एवं गांधी अध्ययन केंद्र तथा हिंदुस्तानी भाषा अकादमी, दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन कुलपति प्रो बालकृष्ण शर्मा की अध्यक्षता में 21 सितम्बर को दोपहर 2 : 30 बजे वाग्देवी भवन स्थित राष्ट्रभाषा सभागार में किया जाएगा। आयोजन के विशिष्ट अतिथि हरियाणा साहित्य अकादमी, चंडीगढ़ की पूर्व निदेशक डॉ मुक्ता एवं वरिष्ठ सम्पादक डॉ राकेश पांडेय, नई दिल्ली होंगे।
यह जानकारी देते हुए मुख्य समन्वयक एवं हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. शैलेन्द्रकुमार शर्मा एवं हिंदुस्तानी भाषा अकादमी, नई दिल्ली के अध्यक्ष डॉ सुधाकर पाठक ने बताया कि दिनांक 22 सितम्बर को प्रातः काल 10 : 30 से संध्या 5 बजे तक विभिन्न सत्रों में गांधी जी के शिक्षा, संस्कृति और भारतीय भाषाओं के क्षेत्र में अवदान पर विमर्श किया जाएगा। इस आयोजन में राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना का सहयोग रहेगा।
संगोष्ठी के तकनीकी सत्रों में प्रख्यात मनीषी, संस्कृतिकर्मी, साहित्यकार, समाजसेवी, विशेषज्ञ, शिक्षाविद्, शोधकर्ता आदि द्वारा विशिष्ट व्याख्यान, शोध - आलेख प्रस्तुति और संवाद होगा। आमन्त्रित वक्ताओं में प्रमुख हैं - डॉ रमेश तिवारी, दिल्ली, पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री शशिमोहन श्रीवास्तव, उज्जैन, श्रीमती सुरेखा शर्मा, गुरुग्राम, हरियाणा, श्रीमती मनीषा शर्मा, दिल्ली, श्री राजकुमार श्रेष्ठ, दिल्ली, डॉ शिव चौरसिया, डॉ ब्रजकिशोर शर्मा, उज्जैन, श्री जीवनसिंह ठाकुर, देवास, श्रीमती सुषमा भंडारी, श्रीमती शकुंतला मित्तल, श्रीमती सरिता गुप्ता, श्री विजय शर्मा, दिल्ली, श्री दीपक विजयरण, दिल्ली श्रीमती सरोज शर्मा, दिल्ली, डॉ हरेराम वाजपेयी, इंदौर, श्री विजय कुमार राय, दिल्ली, श्रीमती नीतू पांचाल, दिल्ली, श्रीराम दवे, उज्जैन आदि।
इस अवसर पर सुधी चित्रकार डॉ मुक्ति पाराशर, कोटा के संयोजन में एक ब्रश राष्ट्र के नाम समूह चित्रकला प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी, जिसमें देश विदेश के कलाकारों की चालीस से अधिक चित्र कृतियों के माध्यम से सन 1857 से 1947 के मध्य के इतिहास के महत्त्वपूर्ण पहलुओं को प्रदर्शित किया जाएगा। इस प्रदर्शनी में किशोर से लेकर वरिष्ठ वर्ग तक के 30 चित्रकार अपनी चित्रकृतियों के माध्यम से देशभक्ति का संदेश देंगे। पूर्व में यह प्रदर्शनी राजस्थान के अनेक शहरों में संयोजित की जा चुकी है।
मुख्य समन्वयक प्रो प्रेमलता चुटैल एवं प्रो गीता नायक, समन्वयक डॉ जगदीश चंद्र शर्मा, डॉ प्रभु चौधरी, डॉ रमेश तिवारी, दिल्ली, डॉ प्रतिष्ठा शर्मा ने इस महत्त्वपूर्ण आयोजन में प्रबुद्धजनों से सक्रिय सहभागिता का अनुरोध किया है।