नेकी के कपड़ों पर, अलाव की गर्मी


उज्जैन गरीब और बेसहारा लोगों को राहत देने के लिए सामाजिक संगठनों में नेकी की दीवार बना दी और इस पर जरूरतमंदों के लिए आवश्यक की चीजें लगा दी उद्देश्य यह था कि जिसको जो लगे वह नेकी की दीवार से आकर ले जाए फिलहाल शहर में ठंड ने आवक दिए और शाम होते ही ठंड का माहौल छाने लगा है ऐसे आलम में नेकी की दीवार से कपड़े उठाकर भिक्षुक अलाव जलाकर ठंड बहा रहे हैं खास बात यह है कि प्रशासन के जवाबदार अधिकारी शहर में पनप रहे बिच्छू को पर कोई कार्रवाई नहीं कर पाई दिन भर भिक्षावृत्ति कर शाम को नशे के आलम में यह भिक्षुक हंगामा कर आसमान सर पर उठा लेते और हर आने जाने वाले लोगों को परेशान करते हैं ऐसे में नेकी की दीवार का उद्देश्य रसातल में चला जाता है