नव वर्ष 2020 के ग्रहों के प्रभाव को जाने


शतभिषा नक्षत्र एवम कन्या लग्न में होगा नववर्ष का प्रवेश ......पंडित पारीक
अंग्रेजी वर्ष 2020 दुर्लभ संयोग के साथ आ रहा है। इस बार 1 जनवरी को अंग्रेजी नववर्ष 2020 की शुरुआत बुधवार के दिन हो रही है। 2020 में सनातन हिन्दू नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा गुड़ी पड़वा भी बुधवार के दिन शुरू होगा। साल में 63 बुधवार रहेंगे, इनमें अधिकांश बुधवार रवि को सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग रहेगा। साल में आने वाले प्रमुख व्रत व त्योहार भी बुधवार के दिन आ रहे हैं। वर्ष की अंक गणना से भी यह साल उन्नति व प्रगति देने वाला रहेगा।
पं पवन पारीक के अनुसार इस बार नववर्ष 2020 का आरंभ शतभिषा नक्षत्र से आरम्भ हो रहा है जो राहु का नक्षत्र है। यह नक्षत्र 1 जनवरी 2020 को प्रातः 01 बजकर 28 मिनट तक है इसके उपरांत बृहस्पति का नक्षत्र पूर्वा भाद्रपद होगा जिसे नववर्ष का सूर्योदय होगा अर्थात 2020 का सूर्योदय बृहस्पति के नक्षत्र में होगा जो की देश दुनिया, लोगों के लिए ,व्यापारी वर्ग और नौकरी वर्ग के लोगों के लिए अत्यंत कल्याणकारी होगा।
वर्ष 2020 आरंभ के समय कन्या लग्न रहेगा, इस लग्न का स्वामी भी बुध है। साथ ही ग्रह गोचर में पांच ग्रह क्रमश: सूर्य, बुध, गुरु, केतु व शनि का धनु राशि पर होना तथा बुध व गुरु का केंद्र योग बनाते हुए वर्गोत्तम होना इस बात की साक्षी है कि नए साल में भारतीय जीवन में व्यवसायिकता एवं आध्यात्मिकता का प्रभाव रहेगा। वर्ष 2020 का नवांश भी बुध व गुरु की श्रेष्ठ स्थिति बता रहा है। 
*शुक्र का प्रभुत्व रहेगा*
1-1-2020 का पूर्णांक 6 आता है। अंकशास्त्र की गणना से देखें तो 6 अंक पर शुक्र का प्रभुत्व रहता है। नवग्रहों में शुक्र सौंदर्य, समृद्धि, ऐश्वर्य, मनोरंजन, सफलता तथा नवाचार का कारक ग्रह माना जाता है। इस दृष्टि से वर्ष 2020 हर्षल के साथ शुक्र कारक ग्रह साबित होगा। नया साला आंतरिक्ष विज्ञान, वैश्वीकरण, सोलर एनर्जी, योग साधना, प्राचीन विद्या, प्रागेतिहासिक सिद्धांत शैली को अपनान वाला रहेगा।
  इस बार अंग्रेजी और हिंदू नववर्ष में कई समानता और अनूठा संयोग देखने को मिलेगा। आइए जानते हैं नये साल 2020 में ज्योतिष के नजरिए से क्या खास रहने वाला है।
इस बार अंग्रेजी के नए साल 2020 की शुरुआत और 25 मार्च 2020 से शुरू होने वाला भारतीय नवसंवत्सर विक्रम संवत 2077 दोनों ही बुधवार के दिन से होगी।
ज्योतिष के अनुसार नये साल 2020 में पूरे वर्ष पर बुधदेव का अधिपत्य रहेगा। मंत्रिमंडल में इस बार राजा बुध और मंत्री चंद्रमा रहेंगे।
साल 2020 में मंत्रिमंडल के राजा बुध कन्या राशि का स्वामी है। अंग्रेजी नव वर्ष का शुभारंभ कन्या लग्न में ही होगा।
अंक ज्योतिष के अनुसार अंग्रेजी नव वर्ष 1/1/2020 का कुल योग भी 6 है। वर्ष 2020 में बुध के राजा होने से पूरे वर्ष धर्म और अध्यात्म का बोलबाला रहने वाला है।
इस बार नया साल 2020 का आगमन रवि और सिद्धि योग में होने से वर्ष 2020 शुभ रहेगा।
25 मार्च 2020 को विक्रम नवसंवत्सर 2077 का शुभारंभ बुधवार को होगा। बुध का संबंध उन्नति और संपन्नता से होता है।
इससे पहले बुधवार के दिन नए वर्ष का शुभारंभ 2014 में भी हुआ। जो इस बार फिर से 2020 में ऐसा संयोग बन रहा है। 
कन्या लग्न में साल शुरू होने से इस राशि के लोगों के लिए यह साल बेहतरीन बीतेगा। साल 2020 पर बुध का अधिपत्य रहने से खासतौर पर महिलाओं के लिए शुभ साल रहेगा।


*वर्ष में होगा बुधवार विशेष*


01 जनवरी 2020 वर्ष का आरंभ


-8 जनवरी बुधवार प्रदोष सर्वार्थसिद्धि योग


-15 जनवरी बुधवार मकर संक्रांति


-22 जनवरी बुधवार प्रदोष सर्वार्थसिद्धि योग


-05 फरवरी बुधवार जया एकादशी सर्वार्थसिद्धि योग


-12 फरवरी बुधवार संकष्टी चर्तुथी सर्वार्थसिद्धि योग


-19 फरवरी बुधवार आंवला एकादशी


-18 मार्च बुधवार दशा माता का पूजन


-25 मार्च बुधवार नवचंद्र संवत्सर का आरंभ गुड़ी पड़वा


-01 अप्रैल बुधवार चैत्र नवरात्र की महाअष्टमी


-08 अप्रैल बुधवार हनुमान जयंती


-22 अप्रैल बुधवार वैशाख अमावस्या


-29 अप्रैल बुधवार रामानुजाचार्य जयंती


-06 मई बुधवार नृसिंह जयंती


-17 जून बुधवार योगिनी एकादशी


-01 जुलाई बुधवार देव शयनी एकादशी


-12 अगस्त बुधवार जन्माष्टमी


-04 नवंबर बुधवार करवा चौथ


-25 नवंबर बुधवार देव प्रबोधिनी एकादशी
*ग्रहो का राशि परिवर्तन*


साल 2020 में लगभग सभी ग्रह अपनी राशि बदलेंगे। ढाई साल से एक ही राशि में चल रहे शनि भी जनवरी 2020 में अपनी राशि बदलेंगे, इससे साढ़ेसाती का नया दौर शुरू होगा। बृहस्पति भी मार्गी-वक्री होते हुए राशियों से गुजरेंगे। आइए जानते हैं साल 2020 में कब-कौन सा ग्रह राशि बदलेगा। 
सूर्य : वर्ष 2020 में सूर्य जनवरी माह में 14 तारीख को मकर राशि में गोचर के साथ अपना सफर शुरू करेगा। सूर्य प्रत्येक राशि में लगभग एक माह रहता है, इस लिहाज से यह साल में बारहों राशियों से गुजरते हुए साल के अंत में धनु राशि में प्रवेश करेगा। 
मंगल : वर्ष 2020 की शुरुआत में मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर जारी रहेगा। इसके बाद यह 7 फरवरी को धनु राशि में प्रवेश कर जाएगा। विभिन्न् राशियों से गोचर करते हुए साल के अंत में 24 दिसंबर 2020 को मंगल का अंतिम गोचर मेष राशि में होगा। 


बुध : वर्ष 2020 की शुरुआत में बुध का धनु राशि में गोचर जारी रहेगा। इसके बाद 13 जनवरी को यह मकर राशि में प्रवेश कर जाएगा। वर्ष के दौरान विभिन्न् राशियों मे गोचर करते हुए वक्री गति से यह 17 दिसंबर 2020 को एक बार फिर धनु राशि में आ जाएगा। 
बृहस्पति : बृहस्पति का गोचर बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। वर्ष 2020 की शुरुआत में बृहस्पति का गोचर धनु राशि में जारी रहेगा। 29 मार्च को यह इसी राशि में वक्री होगा। इसके बाद मार्गी गति करते हुए यह 29 जून को फिर से धनु राशि में आ जाएगा। इसके बाद 20 नवंबर 2020 को यह अगली राशि मकर में प्रवेश करेगा। 
शुक्र : शुक्र 9 जनवरी 2020 को कुंभ राशि से अपनी यात्रा प्रारंभ करेगा। वर्ष के दौरान विभिन्न राशियों से होते हुए यह 11 दिसंबर 2020 को वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा। 
शनि : वर्ष 2020 में शनि का राशि परिवर्तन होने वाला है। शनि 24 जनवरी 2020 को मकर राशि में प्रवेश करेगा और फिर ढाई साल इसी राशि में रहेगा। वृश्चिक राशि से साढ़ेसाती समाप्त हो जाएगी। 


24 जनवरी से धनु राशि पर साढ़ेसाती का अंतिम ढैया शुरू होगा। मकर राशि पर दूसरा ढैया और कुंभ राशि को साढ़ेसाती प्रारंभ होगी। 
राहु : वर्ष 2020 की शुरुआत में राहु का गोचर मिथुन राशि से शुरू होगा और 23 सितंबर 2020 को यह वृषभ राशि में प्रवेश करेगा। वर्ष के शेष माह में यह इसी राशि में रहेगा। 
केतु : केतु धनु राशि में चल रहा है और वर्ष 2020 में इसी राशि के साथ प्रवेश करेगा। यह ग्रह 23 सितंबर 2020 को वृश्चिक राशि में आ जाएगा। राहु और केतु अपनी पिछली राशियों की ओर गति करते हैं।