उज्जैन (मुकेश कुमार कुन्हारे) न्यायालय विशेेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) डॉ0 (श्रीमती) आरती शुक्ला पाण्डेय, अपर सत्र न्यायाधीश महोदय उज्जैन, के न्यायालय द्वारा आरोपी राजकुमार पिता प्राणसिंह उम्र 36 वर्ष, निवासी ग्राम पहाड़पुर तहसील कोलारस जिला शिवपुरी को धारा 363 भादवि में 07 वर्ष का सश्रम कारावास, धारा 377 भादवि में 07 वर्ष का सश्रम कारावास तथा 5(एम)/6 पॉक्सो एक्ट में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 15,00/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
उप-सचांलक (अभियोजन) डॉ. साकेत व्यास ने अभियोजन घटना अनुसार बताया कि घटना इस प्रकार है, कि फरियादी ने दिनांक 09.08.2018 को थाना चिमनगंज मण्डी में उपस्थित होकर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कराई कि उसका लड़का आठ वर्षीय घर के बाहर खेल रहा था करीबन सुबह 10ः00-10ः30 बजे उसकी पत्नि ने बाहर जाकर देखा तो लड़का नहीं दिखा तब उसकी पत्नि ने उसे बताया कि उनका लड़का घर के बाहर नहीं है, तब दोनों ने उनके लड़के की तलाश की तो उनका लड़का आरोपी राजकुमार के साथ आते हुए मिला। फरियादी ने अपने लड़के को घर लेकर आया और उससे पूछा था कि कहा गया था तो लड़के ने बताया कि आरोपी राजकुमार घर के सामने से भैंस चराने के बहाना कर के बहला-फुसलाकर नींबू के खेत में ले गया और खेत पर बने कमरे के अंदर और उसके साथ अप्राकृतिक-कृत्य किया, जब उसे दर्द हुआ तो आरोपी राजकुमार ने उसे छोडा तो उसे बोला कि घर जाकर किसी को मत बताना। पुलिस थाना चिमनगंजमण्डी द्वारा फरियादी की रिपोर्ट पर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कर आवश्यक अनुसंधान पश्चात न्यायालय मे अभियोग पत्र प्रस्तुत किया। न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी को दण्डित किया गया।
दण्ड के प्रश्नः- अभियुक्त द्वारा निवेदन किया कि यह उसका प्रथम अपराध है तथा उसकी उम्र को ध्यान में रखते हुऐ उसके प्रति उदारता का रूख अपनाये जाने का निवेदन किया। अभियोजन अधिकारी श्री सूरज बछेरिया द्वारा अभियुक्त को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया।
न्यायालय की टिप्पणीः- आरोपी द्वारा एक आठ वर्षीय अबोध बालक के साथ अप्राकृतिक रूप से इंद्रिय भोग किया गया है इस कृत से बालक के कोमल मन को उसके शेष जीवनपर्यन्त मानसिक रूप से संत्रस्त कर सकता है। नोबल पुरूस्कार प्राप्त राष्ट्रपति नेल्सन मण्डेला के शब्दो को उल्लेखित करते हुए लिखा है कि "our children are our greatest treasure. They are our future. Those who abuse them tear at the fabric of our society and weaken our nation.
प्रकरण में एक अवयस्क बालक के साथ अप्राकृतिक कृत्य की घटना होने से उसकी समीक्षा माननीय संचालक महोदय अभियोजन श्री पुरूषोत्तम शर्मा द्वारा की जा रही थी एवं समय-समय पर पैरवीकर्ता को समुचित विधिक मार्गदर्शन प्रदान किया जा रहा था।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्री सूरज बछेरिया, विशेष लोक अभियोजक उज्जैन द्वारा की
8 वर्षीय बालक के साथ अप्राकृतिक कृत्य करने वाले आरोपी को 10 वर्ष कठोर कारावास की सजा*