डॉक्टरी पेशे को किया शर्मनाक,करोना मरीज को अन्य मरीजों के साथ रखा..... बीमारी को बढ़ावा....


उज्जैन| मानव समाज डॉक्टर पर एक बड़ा विश्वास करता है डॉक्टर को देव रूपी माना गया है किंतु पिछले दिनों  हमें यह देखा कि  डॉक्टर की ही लापरवाही  के कारण  शहर में  हुआ डॉक्टरी पेशे को बदनाम


चैरिटेबल हॉस्पिटल के सूचना सागर के संवाददाता ने  रहवासियों से मुलाकात की आसपास के रहवासियों ने खुलेआम आपत्ति जताई आपत्ति के दौरान कई लोगों ने अपने नामों को सामने नहीं आते हुए फिर भी एक व्यक्ति अरविंद त्रिवेदी  क्षेत्रीय निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश लष्करी महेश डायना बाबू वर्मा आदि लोगों ने बताया कि अस्पताल के चारों ओर सघन रहवासी क्षेत्र है अस्पताल में मंदिर भी है लोगों का आना जाना लगा रहता है  ने  अति विरोध व्यक्त किया गया


यहां एक डॉक्टर अपने 85 साल के संक्रमित भाई को अस्पताल की एंबुलेंस से चोरी-छिपे इंदौर से उज्जैन ले आए। यहां निमोनिया बताकर चेरिटेबल अस्पताल में उनका इलाज कराते रहे। छह दिन इलाज चला। तीन दिन पहले उन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पताल शिफ्ट किया। अब इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई।उज्जैन चैरिटेबल अस्पताल में कार्यरत एक डॉक्टर के भाई और उन की करतूत ने डॉक्टरी के पेशे को लगभग कलंकित कर दिया है पहले से ही रेड जोन बना उज्जैन चैरिटेबल के जबाबदार डॉक्टरों की धोखाधड़ी के कारण अस्पताल और क्षेत्रवासियों के भय का कारण बन गया है रूम नंबर 128 में एडमिट डॉक्टर के भाई की आमद अस्पताल में 12 तारीख के पूर्व हुई थी सूत्र बताते हैं कि उन्हें चैरिटेबल की एंबुलेंस में ही यहां लाया गया था जबकि वह कोरेना संदिग्ध थे  तेरा कि शाम को उन्हें आरडी गार्डी अस्पताल में भेजा गया तब तक वह चैरिटेबल में कई लोगों के संपर्क में आए थे उसमें फ्रीगंज के एक चर्चित महाराष्ट्रीयन डॉक्टर जो अपनी सेवा बुधवारिया  चैरिटेबल में भी देते हैं वह भी उन 25 लोगों में शामिल है जिन्हें क्वॉरेंटाइन किया गया है दो सीनियर महिला डॉक्टर और सीनियर नर्स भी इसमें शामिल है जानते बुझते किया गया यह अपराध जांच का विषय है क्षेत्र के लोग भी अब भयभीत नजर आ रहे हैं में मंदिर भी है लोगों का आना जाना लगा रहता है इस तरह की लापरवाही सारे क्षेत्र को संक्रमित कर सकती है कलेक्टर और जिला प्रशासन को सख्त कार्रवाई करना चाहिए अन्यथा जरा सी लापरवाही क्षेत्र को रेड जोन बना देगी पुलिस प्रशासन को यहां की आवक जावक रजिस्टर जप्त कर कर्मचारी और रहवासियों के बयान कर आना चाहिए सूत्र बताते हैं कि उक्त संक्रमित मरीज की आमद 10 तारीख के पहले हो गई थी इतनी बड़ी लापरवाही आखिर कैसे हुई जांच का विषय है| इसके बाद से इलाज करने वाले चेरिटेबल अस्पताल के डॉक्टर, नर्स और कर्मचारी घबराए हुए हैं। स्टाफ को चौथी मंजिल पर क्वारैंटाइन किया गया है।