कोरोना संकट से जूझ रहे इंदौर के टाटपट्टी बाखल में हुई शर्मनाक घटना से कल जब पूरा प्रदेश व देश आक्रोशित था तभी इंदौर के ही देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के जेआरएफ गौरव धाकड़ ने सोशल मीडिया व ट्वीट्स की वॉर छेड़ते हुए न सिर्फ गृहमंत्री , भाजपा राष्ट्रीय महासचिव से लेकर पूरी मप्र सरकार को एक्शन में ला दिया । सौमित्र शर्मा ने हमारे संवाददाता को बताया कि गौरव ने 24 घण्टे की चेतावनी के साथ मुख्यमंत्री को इन्दौर मामले में सख्त कार्यवाही की मांग यह कहते हुए रख दी कि इस कार्यवाही के न होने से प्रदेश में होने जा रहे 24 उपचुनावों के पूर्व कार्यकर्ताओ का मनोबल गिरेगा । इस ट्वीट में गौरव ने आइसोलेशन में बैठकर व्यवस्थाओं पर नजरें दौड़ा रहे ग्रहमंत्री अमित शाह को हरकत में ला दिया ।शाह ने जहां शिवराज को एक्टिव किया तो वहीं अपने विश्वस्त राष्ट्रीय महामन्त्री कैलाश विजयवर्गीय को पूरे मसले में कोर्डिनेशन की हिदायत दे दी ।
आखिरकार प्रशासन को इस ट्विटर वार और संघ भाजपा कार्यकर्ताओं के आक्रोश के आगे झुकते हुए । टाटपट्टी बाखल में स्वस्थ्यकर्मियो व डॉक्टर्स को दौड़ाने वाले पतथरबाज़ों को रासुका में गिरफ्त में लेने की सख्त कार्यवाही की । तब जाकर ट्विटर योद्धा शांत हुए । जिन पर रासुका लगाई गई है। उनके नाम मोहम्मद मुस्तफ़ा पिता हाजी मोहम्मद इस्माइल उम्र 28 साल, मोहम्मद गुलरेज पिता हाजी अब्दुल गनी उम्र 32 साल, सोयब उर्फ़ सोभी पिता मोहम्मद मुख्तियार उम्र 36 साल और मज्जू उर्फ़ मजीद पिता अब्दुल गफूर उम्र 48 साल है। सभी टाट पट्टी बाखल इंदौर के ।
यद्यपि गौरव धाकड़ से जब हमने सम्पर्क साधा तो उन्होंने कहा कि
" "दूसरों की जान को खतरे में डालना और जान बचाने वाले देवदूत डॉक्टरों की जान पर हमला जैसे अपराधों के लिए रासुका से भी संगीत प्रावधान आवश्यक है जिसके लिए सरकार को अविलम्ब अध्यादेश लाना चाहिए* "