हंड्रेड डायल के ड्राइवरों के प्रति शासन का पक्षपात पूर्ण एवं संवेदनहीन रवैया


शासन के पदस्थ 100 डायल के सुरक्षा सिपाही  खुद ही असुरक्षित शासन के मुस्तैद कर्मचारी जो आम नागरिकों को रक्षा एवं सुरक्षा प्रदान करते हैं वही आज असुरक्षित महसूस कर रहे हैं


 


उज्जैन पुलिस प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर 24 घंटे काम करने वाले हंड्रेड डायल के ड्राइवर और वाहन के साथ रहने वाले स्टाफ को मध्यप्रदेश शासन इन्हें कोरोना संक्रमण रोकने की लड़ाई में इन्हें भी जिम्मेदारी सौंपी है हंड्रेड डायल के कर्मचारी दिन रात फील्ड में ड्यूटी कर रहे हैं मध्यप्रदेश शासन द्वारा कोरोना संक्रमण फैलाव को रोकने में समस्त कर्मचारियों का आनन-फानन में 5000000 रुपए का सुरक्षा बीमा किया गया है वहीं शासन द्वारा हंड्रेड डायल की ड्यूटी कर रहे ड्राइवरों के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है शासन ने बीमा की इस योजना से हंड्रेड डायल को वंचित रखा है जिसके चलते हंड्रेड डायल के कर्मचारियों में भारी आक्रोश है और उनके परिजन भी काफी चिंतित है जहां एक और इस महामारी से निपटने के लिए शासन ने घर से बाहर निकलने पर   पाबंदी लगाई है यह कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर अपने स्वास्थ्य की चिंता किए बगैर कार्य कर रहे हैं


भाजपा सरकार की चलाए जा रहे उपक्रमों को भाजपा आते से ही सुचारू कर दिया किंतु भाजपा का सौतेला व्यवहार क्यों क्या कारण है क्या हुआ इंसान नहीं है आखिर यह व्यवहार कब तक चलेगा


 हंड्रेड डायल के कर्मचारी ने ना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हमारी सुरक्षा को सरकार ने अनदेखा किया है हम चाहते हैं कि सरकार की योजना सभी के लिए बराबर होना चाहिए और हमें भी सुरक्षा बीमा का लाभ दिया जाए और करोना वारियर्स की सूची में हमें भी शामिल किया जाए चाहे क्षेत्र में कहीं दंगा हो या कोई गंभीर एक्सीडेंट हो उस पर हम तुरंत अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं और आम जनता के लिए तैयार रहते हैं