ओमप्रकाश पाल की कलम से
80 लोगों का स्टाफ अपने मिशन के लिए तैयार रहता है
उज्जैन मई माह में आगजनी की घटनाओं में इजाफा हो जाता है दमकल कर्मी स्थान पर लगी हानिकारक आग पर नियंत्रण पाने उसे बुझाने और लोगों की जान माल की रक्षा में पहुंचते हैं पुलिस और डॉक्टर के साथ साथ अग्निशमन को भी एक आवश्यक आपातकालीन सेवा में शासन ने माना है किसी इमारत घर वाहन जंगली क्षेत्र आगजनी की घटना होती है तो दमकल कर्मी तुरंत अपनी सेवा देने पहुंचते हैं आगजनी कुछ असामाजिक तत्व भी करने में नहीं चूकते जिससे राष्ट्र की संपत्ति का नुकसान होता है जिसे बचाने के लिए यह विभाग 24 घंटे 365 दिल अलर्ट रहता है प्राकृतिक आपदा आंदोलनकारी से निपटने के लिए भी फायर ब्रिगेड को बुलाया जाता है
आग लगने की सूचना मिलते ही लगभग 30 सेकंड में तैयार गाड़ियां अपने मिशन की ओर रवाना हो जाती हैं इन वाहनों का 10 मंजिला तक आग बुझाने का फायर कर्मी कार्य करते हैं
उज्जैन फायर स्टेशन पर 15 दमकल मौजूद है जिसमें फॉर्म टेंडर मल्टी परपज वाटर टेंडर शामिल है कोरोना महामारी में दमकल कर्मी अपनी सेवाएं दे रहे हैं
शहर में फायर स्टेशन पर 5 शव वाहन अपनी सेवाएं मुक्तिधाम तक ले जाने का कार्य कर रही है जहां एक और शव को परिवार के लोग ही हाथ लगाने से परहेज कर रहे हैं वही दमकल कर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर कार्य कर रहे हैं