कोरोना के इस सकंट से शीघ्र ही मुक्ति हेतु प्रार्थना की

उज्‍जैन/ पुण्‍य सलीला मोक्षदायिनी मॉ शिप्रा उज्‍जैन की जीवन रेखा है इसे प्रदूषण मुक्‍त करने के साथ ही हमारे आसपास के सभी जलस्‍त्रोतों व पर्यावरण सरंक्षण हेतु जन जाग्रति हेतु विधायक डॉ. मोहन यादव द्वारा १४ वर्षो से शिप्रा तीर्थ परिक्रमा का आयोजन किया जाता है। प्रतिवर्ष ज्‍येष्‍ठ शुक्‍ल पक्ष नवमी से गंगादशहरा तक दो दिवसीय परिक्रमा में हजारों की संख्‍या में जनसमुदाय की भागीदारी रहती है। कोरोना के इस सकंट काल में आम जन समुदाय के एकत्र होने पर प्रतिवबंध के कारण इस वर्ष परिक्रमा निरस्‍त किया गया लेकिन परिक्रमा व शिप्रा पूजनकी यह परम्‍परा बनी रहे टूटे नही इस हेतु आयोजक शिप्रा लोक संस्‍कृति समिति द्वारा इसे प्रतिकात्‍मक रूप से मनाने का निर्णय लिया इसके तहत आज ३१ मई २०२० रविवार नवमी को प्रात: आयोजन समिति के अध्‍यक्ष महंत डॉ. रामेश्‍वर दास जी महाराज व संयोजक डॉ. मोहन यादव द्वारा रामघाट पर शिप्रा पूजन किया गया तीर्थ पुरोहित पं. गौरव उपाध्‍याय द्वारा पूजन सम्‍पन्‍न्‍ कराया गया।
      यह जानकारी शिप्रा लोक संस्‍कृति समिति के सचिव नरेश शर्मा ने दी। आपने बताया की शिप्रा पूजन कर चार पहिया वाहनो से समिति के सात सदस्‍यों द्वारा परिक्रमा की गई ताकि परिक्रमा की निरंतरता बनी रही है। परिक्रमा में नृसिंह घाट, वेघशाला जंतर मंतर, त्रिवेणी, चिन्‍तामण, दत्‍त अखाडा, कॉल भैरव पर विधायक डॉ. मोहन यादव व समिति सदस्‍यों द्वारा वृक्षारोपण किया गया।


परिक्रमा मार्ग पर स्थित जो तीर्थ व देवस्‍थान बंद थे उनके बाहर से  शिखर दर्शन किए गए। भूखीमाता, विकांत भेरव व अंगारेश्‍वर महादेव पर अभिषेक पूजन किया गया। इस अवसर पर परिक्रमा संयोजक डॉ. मोहन यादव विधायक द्वारा आम नागरिको से आव्‍हान किया की आप संयम रखे अपने घर पर ही रहकर कल गंगा दशहरा पर्व पर संकल्‍प ले की हम हमारे आसपास के जल स्‍त्रोतो को संरक्षित करेंगे, पर्यावरण की र‍क्षा करेंगे, वर्षाकाल में एक वृक्ष जरूर लगाऍगें। परिक्रमा में आयोजन समितिके अध्‍यक्ष महन्‍त डॉ. रामेश्‍वर दास महाराज, सचिव नरेश शर्मा, कोषाध्‍यक्ष राजेश सिंह कुशवाह, प्रकाश यादव, अश्विन गुप्‍ता, पं. गौरव उपाध्‍याय आदि सम्मिलित थे। प्रतिवर्ष इस दो दिवसीय परिक्रमा में शिप्रा तट स्थित ४० धार्मिक प्राचीन सिद्ध स्‍थल आते है जिनका दर्शन पूजन किया जाता है जो निम्‍न है। १.गणपतेश्‍वर महादेव, २.पिशाचमुक्‍तेश्‍वर महादेव, ३. धर्मराज चित्रगुप्‍त मंदिर, ४. संगमेश्‍वर महादेव, ५. पारदेश्‍वर महादेव, ६. नृसिंह घाट (नृंसिंह मंदिर) ७. कर्कराज महादेव ८. आंनदेश्‍वर महोदव, ९. जगदीश आश्रम, १०. वैघशाला, ११ वरूणेश्‍वर महादेव, १२. शिवालय, १३. प्रशांतिधाम, १४. त्रिवेणी नवग्रह मंदिर, १५. चिन्‍तामण गणेश, १६. भूखीमाता, १७. गुरूद्वारा नानक घाट, १८. दत्‍तअखाडा, १९. रणजीत हनुमान, २० कॉलभेरव, २१. सिद्धनाथ २२. अंगारेश्‍वर महादेव, २३. मंगलनाथ, २४. गंगाघाट,२५. सांदीपनी आश्रम, २६. रामजर्नादन मंदिर २७. विष्‍णु चतुष्टिका, २८. गढकालिका, २९. भतृहरी गुफा ३०. ऋणमुक्‍तेश्‍वर महादेव, ३१. वाल्‍मीकी आश्रम, ३२. राजामल घाट ३३. वीर दुर्गादास राठौर छत्री, ३४. सत्‍यनारायण मंदिर, ३५. श्रीनाथ जी, ३६. द्वारकाधीश गोपालमंदिर, ३७. महाकालेश्‍वर ३८. हरसिद्धी, ३९. लक्ष्‍मी वेंकटेश मंदिर, ४०. शिप्रा गंगा मंदिर आदि।
श्री शर्मा ने आगे बताया की ०१ जून २०२० सोमवार को संध्‍या ५-३० बजे समिति सदस्‍यों की ही उपस्थिति में प्रशासन से अनुमति प्राप्‍त कर मॉ शिप्रा का श्रृंगार पूजन कर ३५१ फीट लम्‍बी चुनरी एवं १६ श्रृंगार की सामग्री अर्पित की जावेगी। तथा कोरोना के इस सकंट से शीघ्र ही मुक्ति हेतु प्रार्थना की जावेगी।