खाचरौद.
लॉक डाउन के दौरान शराब दुकान बंद होने की वजह से क्षेत्र में अवैध शराब का कारोबार भी फैल रहा है। लॉक डाउन की वजह से देशभर में शराब की दुकानें बंद हैं और इस वजह से शराब की जमकर कालाबाजारी हो रही है। जिसकी वजह से इसकी कीमत पिछले एक महीने में 4 गुना तक हो चुके हैं।
लाॅकडाउन के दौरान शराबबंदी के चलते अवैध शराब का कारोबार तेज हो गया है। विशेषकर ग्रामीण इलाकों में शराब और अवैध शराब के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैंं। पिछले एक महीने में खाचरौद क्षेत्र में तीन मामले दर्ज किए जा चुके हैंं। जिसमें बड़ी मात्रा में शराब जब्त की गई हैं, लेकिन शराब सप्लाई करने वाले लाइसेंसी ठेकेदार पर कार्रवाई नहीं कर पा रही हैं। जबकि जब्त की गई शराब की बोतलों पर अंकित किए गए बैच नंबर के आधार पर शराब आवंटन किस ठेकेदार को हुई थी, इसके अनुसार कार्रवाई की जा सकती हैं।
तीन लॉकडाउन पार्ट में तीन कार्रवाई
क्षेत्र में लाॅकडाउन के दौरान जहां अन्य अपराधों में काफी कमी आई है, वहीं शराब की तस्करी का काम तेज हो गया है। खाचरौद पुलिस ने एक महीनें के समय में लॉकडाउन के अलग-अलग पार्ट के अनुसार हर पार्ट में एक कार्रवाई के मन से लॉकडाउन के तीन पार्ट में अभी तक अवैध शराब बिक्री पर तीन कार्रवाईयां की है। सबसे बड़ी चौकाने वाली बात तो यह है कि अवैध शराब जब्ती की इन कार्रवाईयों में अभी तक लॉकडाउन पार्ट 3 में शुक्रवार को ग्राम बुरानाबाद में पकड़ी गई सबसे कम मात्रा में मिली 14 पेटी शराब के ही आरोपी को गिरफ्तार किया जा सका है। जबकि लॉकडाउन पार्ट 1 के दौरान 6 अप्रेल को रात के समय ग्राम लुसड़ावन फंटा से जीप में भरकर ले जाई जा रही 19 पेटी शराब का तस्कर का नाम भी पुलिस आज तक तलाश नहीं कर पा रही हैं, वहीं लॉकडाउन पार्ट 2 में 18 अप्रेल को ग्राम दिवेल में एक खेत पर बने मकान से 32 पेटी शराब जब्त की गई और मकान मालिक जीवन सिंह गुर्जर पर प्रकरण दर्ज कर लिया गया लेकिन गिरफ्तारी अब तक नहीं हो पाई हैं।
सबसे हैरत वाली बात तो यह हैं कि अवैध शराब बेचने वालों पर कार्रवाई तक तो पुलिस का खुफिया तंत्र (मुखबिर) पूरी तरह काम कर रहा है लेकिन इन लोगों तक बड़ी मात्रा में शराब पहुंचाने वाले मुख्य आरोपी यानी कि शराब माफिया की पहचान करने या पकड़ने में यह तंत्र काम ही नहीं कर पा रहा है। जबकि शुक्रवार को ग्राम बुरानाबाद में 14 पेटी शराब के साथ गिरफ्तार होने वाले शांतिलाल ने अवैध शराब को ग्राम बड़ागांव की शराब दुकान से मंगवाने पर ही जिप्सी से होम डिलीवरी करने की बात कही गई, लेकिन पुलिस हैं कि बड़ागांव की लाइसेंसी शराब दुकान के ठेकेदार विवेक जायसवाल और मैनेजर पर कार्रवाई करने की बजाए लॉकडाउन का बहाना बनाकर मामला ठंडा करने की फिराक में नजर आ रही हैं।
ठेकेदार और मैनेजर को दिया जा रहा अभयदान
लॉकडाउन में दुकाने बंद होने के बावजूद हो रही शराब तस्करी पर आबकारी विभाग द्वारा कार्रवाई करने की अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है लेकिन डेढ़ महीने में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाईयों में बड़ागांव और मड़ावदा की लाइसेंसी शराब दुकानों से ही शराब भेजी जाना सामने आया हैं। इसके बावजूद पुलिस ने अभी तक लाइसेंसी ठेकेदार और मैनेजर को अभयदान देते हुए एक भी बार कार्रवाई नहीं कि गई है। इधर, आबकारी अधिकारी हनुमान सिंह का कहना है कि उनके विभाग द्वारा भी कार्रवाई की जा रही हैं। किसी भी सील की गई दुकान से शराब निकालना संभव नहीं है। अगर किसी दुकान से सील तोड़कर शराब निकली जाने की जानकारी मिलती हैं तो विधिवत कार्रवाई जरूर की जाएगी। बैच नंबर की जानकारी वेयर हाउस पर ही उपलब्ध होना बताया है। गौरतलब हो, बुरानाबाद में शांतिलाल पिता दयाराम के घर से पकड़ी शराब की पेटियों की बोतलों पर मैनुफैक्चरिंग डेट फरवरी 2020 उज्जैन अंकित है।
पुलिस की कार्रवाई भी संदिग्ध
कार्रवाई-1
खाचरौद पुलिस द्वारा 6 अप्रेल की रात को एक जीप जब्त की, जिसमे अवैध शराब की 19 पेटियां भरी हुई थी। मामले में पुलिस ने फिल्मी अंदाज में पेश करते हुए मुखबिर की सूचना पर लुसड़ावन फंटा से शराब की पेटियों से भरी जब्त किए जाने की कहानी गढ़ते हुए गाड़ी के ड्राइवर का मौके पर से फरार हो जाना बताया गया। जबकि विश्वस्त सूत्रों के अनुसार मड़ावदा की लाइसेंसी दुकान की थोड़ी दूर से शराब की पेटियां भरकर जा रही गाड़ी को पुलिस ने पकड़ा था। मौके पर गाड़ी के साथ शराब दुकान का ठेकेदार विवेक उर्फ गोटू पिता सत्यनारायण जायसवाल का मैनेजर और दो कर्मचारियों को पुलिस पकड़कर थाने ले आई, लेकिन स्वार्थ सिद्धि पूरी कर उन्हें छोड़ दिया और लुसड़ावन फंटा से शराब की पेटियों से भरी गाड़ी जब्त करने और ड्राइवर के फरार हो जाने की कहानी बनाकर न केवल ठेकेदार और उनके मैनेजर को पूरी तरह बचा लिया बल्कि शराब की पेटियां भी कम बताई गई। वहीं उसी रात बड़नगर रोड़ पर ही पकड़ाई बाइक पर थैलों में भरकर लाने के मामले को हेल्परों पर बनाकर उन्हें भी बचा लिया। जबकि 6 अप्रेल की रात को बड़नगर रोड़ से जिन दो बाइक पर थैला भरकर शराब ले जाई जा रही थी, उसके आरोपियों को भी लेन-देन कर छोड़ दिया गया। मामले में गौर करने की बात तो यह हैं कि पुलिस अपनी ही बनाई गई कहानी के मुख्य किरदार गाड़ी के ड्राइवर का नाम और शराब माफिया को एक महीने बाद भी तलाश नहीं कर पाई है। जबकि कई मामलों में मप्र परिवहन विभाग की वेबसाइट से ऑनलाइन जानकारी प्राप्त कर पुलिस अपना अनुसंधान पूरा करती हैं।
कार्रवाई- 2
खाचरौद पुलिस ने 18 अप्रेल को मुखबिर की सूचना पर ग्राम दिवेल में जीवन सिंह गुर्जर के खेत पर बने मकान में से 32 पेटी अवैध शराब पकड़ी थी। पुलिस के अनुसार मामले में मकान मालिक जीवन सिंह गुर्जर मौके पर से फरार हो गया था। इस मामले में पुलिस ने अभी तक न तो जीवन सिंह को गिरफ्तार किया है और ना ही दिवेल गांव तक शराब की डिलीवरी करने वाले का नाम भी नहीं जान पाई है।
कार्रवाई -3
खाचरौद पुलिस द्वारा 8 मई को भी मुखबिर की सूचना पर ग्राम बुरानाबाद में भी शांतिलाल पिता दयाराम के घर से 14 पेटी अवैध शराब जब्त की गई। पुलिस ने शराब जब्त कर आरोपी शांतिलाल पिता दयाराम को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी को शनिवार 9 मई को न्यायालय पेश कर तीन दिन के रिमांड पर ले लिया। तीन दिन के रिमांड ले बाद भी पुलिस ने आरोपी से कोई नई जानकारी हासिल नहीं की हैं। यह बात और हैं कि सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ग्राम बड़ागांव की शराब दुकान से विकास नाम का युवक शराब की पेटियां जीप में भरकर लेकर आया था और शांतिलाल के घर उतारकर गया था। इधर, शांतिलाल के अनुसार विकास नाम के युवक ग्राम बड़ागांव की शराब दुकान से जीप में शराब की पेटियां भरकर लाने और एक-दो दिन बाद ले जाने का कहकर शांतिलाल को शराब की पेटियां रखने के एवज में कुछ बोतले देने की कही थी। शराब के लालच में शांतिलाल ने पेटियां अपने घर रख ली।
आरोपी गुमराह कर रहा है
ग्राम बुरानाबाद में 14 पेटी शराब के मामले में पुलिस ने आरोपी को तीन दिन रिमांड पर रखा और रिमांड अवधि खत्म होने पर उसे भेरूगढ़ जेल भेज दिया गया। प्रभारी टीआई के.के. द्विवेदी का कहना है कि आरोपी ने तीन दिन के रिमांड के दौरान बार-बार गुमराह किया है। आरोपी कभी कुछ-कभी कुछ बताता रहा। कभी कहता किसका है-कभी किस का। हमे बड़ागांव ले गया और कभी कहता हैं इधर से ले गया था, कभी कहता है इधर से ले गया था। द्विवेदी के मुताबिक आरोपी शांतिलाल तेजतर्रार और रिकार्डेड अपराधी था।
रास्ते और दुकानें सील, फिर भी आ रही अवैध शराब
कहने को तो लॉकडाउन के चलते शहर में आने-जाने वाले सभी मार्गों पर पुलिस ने नाकाबंदी कर रखी है लेकिन नाकाबंदी के बावजूद शराब की तस्करी इतने बड़े पैमाने पर होना भी पुलिस की कार्रवाई पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।
लॉकडाउन में दुकाने सील फिर भी निकल रही शराब की पेटियां, पुलिस और आबकारी की कार्रवाई से लाइसेंसी ठेकेदार बाहर