उज्जैन (ओम प्रकाश पाल) विधायक का मतलब जनप्रतिनिधि जब कानून का सम्मान निधि का मुखिया नहीं करेगा तो समाज को क्या प्रेरणा मिलेगी कानून अंधा नहीं होता उसी का जीता जागता परिणाम है कि कानून की दृष्टि में कोई विधायक या आम आदमी दोनों एक समान है
लगभग 72 घंटे के बाद ही कांग्रेसी नेताओं को प्रशासन के आगे घुटना टेकना पड़ा।
2 दिन पहले उज्जैन तराना विधानसभा के विधायक महेश परमार और आलोट विधानसभा के विधायक मनोज चावला अपने समर्थकों के साथ हाथ में तिरंगा लेकर उज्जैन महाकालेश्वर से पदयात्रा पर भोपाल जा रहे थे तभी उज्जैन सिटी एडिशनल एसपी रूपेश द्विवेदी को मालूम हुआ मौके पर तुरंत पहुंचे उनकी यात्रा को रोक कर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया बाद में जमानत लेने के लिए जिला प्रशासन की टीम उज्जैन केंद्रीय जेल भेरूगढ़ पहुंची लेकिन महेश परमार विधायक अपनी जिद पर अड़े रहे बिना अपराध से जिला प्रशासन को हमें छोड़ना पड़ेगा लेकिन जिला प्रशासन ने भी अपनी हार नहीं मानी आज पूर्व क्रीडा मंत्री जीतू पटवारी विधायक परमार और उनके अन्य समर्थकों के समर्थन में उज्जैन पहुंचे उसके बाद भी जिला प्रशासन की जो शर्ते थी और कानूनी कार्रवाई के अधीन रिहा किया गया।
जब हमारी चर्चा एसडीएम राकेश मोहन त्रिपाठी से इस संदर्भ में में हुई तब उनके द्वारा बताया गया कि जो भी कानूनी प्रक्रिया थी उसके तहत ही दोनों विधायक और उनके समर्थकों को जेल से रिहा कर दिया गया है यदि बात करें हम मान सम्मान की तो जिला प्रशासन के आगे कांग्रेसियों ने घुटने टेक दिए।
और जिला प्रशासन के द्वारा बताए गए नियम का पालन करना विधायक और उनके समर्थकों द्वारा स्वीकार किया गया उसके बाद ही जेल से लगभग 72 घंटे के बाद रिहा हुए