शाजापुर जिले में एक निजी अस्पताल प्रबंधन द्वारा कथित तौर पर इलाज के पैसे नहीं देने पर बुजुर्ग मरीज को पलंग से बांधने की घटना के संबंध में राज्य मानव अधिकार आयोग ने दो में जिला प्रशासन से जवाब मांगा है। मानवाधिकार आयोग की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, शुक्रवार की इस घटना के सिलसिले में शाजापुर जिला प्रशासन को मामले की जांच के लिए भी कहा गया है। दो हफ्ते में जांच प्रतिवेदन में यह बताने के लिए भी कहा गया है कि बुजुर्ग को किस बीमारी के चलते शाजापुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया और उसे क्या-क्या दवाएं दी गईं।
शाजापुर के मामले में खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संज्ञान लिया था। साथ ही दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। इसके बाद जिला प्रशासन ने जांच शुरू की थी और रविवार को निजी अस्पताल को सील करने की कार्रवाई की थी।
शनिवार को वायरल हुआ था वीडियो
आयोग ने इस घटना के वायरल वीडियो और इस संबंध में मीडिया में प्रकाशित खबरों के हवाले से जिला प्रशासन से जवाब-तलब किया है। घटना के अनुसार, शाजापुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती बुजुर्ग मरीज को पलंग पर बांधने का वीडियो शनिवार को वायरल हुआ। मरीज का नाम लक्ष्मीनारायण है और वह पड़ोसी राजगढ़ जिले के रनारा गांव का निवासी है। मरीज की बेटी ने आरोप लगाया है कि शुक्रवार रात पैसे खर्च होने पर जब पिता की छुट्टी करानी चाही तो अस्पताल ने और पैसे मांगे। लगभग करीब 11 हजार रुपए पहले ही दे चुके हैं।
बेटी बकाया बिल जमा नहीं कर पाई तो पिता को बंधक बना लिया
बेटी ने उसके पास बकाया बिल जमा करने के लिए पैसे नहीं होने की दलील दी और फाइल मांगी गई, जिस पर अस्पताल के लोगों ने बुजुर्ग मरीज को पलंग से बांध दिया। इस बीच हंगामा हुआ तो प्रबंधन ने मरीज को जाने दिया। वहीं, अस्पताल प्रबंधन ने दलील दी कि बुजुर्ग को दिमागी बुखार है और उस पर नियंत्रण के लिए उसे पलंग से बांधा गया। वहीं, शाजापुर से मिले समाचार के अनुसार इस मामले के तूल पकड़ते ही जिला प्रशासन भी सक्रिय हो गया और उसने प्रारंभिक जांच के बाद अस्पताल को रविवार रात को सील कर दिया है। इस घटना के संबंध में जांच की जा रही है।