अब बेपर्दा होंगे विकास दुबे से मिले हुए पुलिस वाले


कानपुर के बिकरू गांव में 2 जुलाई की रात को 8 पुलिसकर्मियों की हत्या की जांच शुरू हो गई है. इस बाबत गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ( SIT) रविवार को बिकरू गांव पहुंची. SIT बिकरू गांव में इस हत्याकांड से जुड़े तमाम पहलुओं की जांच कर रही है.


बिकरू गांव में 2 और 3 जुलाई की दरमियानी रात को गैंगस्टर विकास दुबे और उसके साथियों ने पुलिसकर्मियों पर अचानक हमला कर दिया था. इस हमले में डीएसपी देवेंद्र मिश्रा समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. बिकरू गांव पहुंची टीम में डीएम और एसएसपी भी शामिल हैं.


अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में SIT


योगी आदित्यनाथ सरकार ने शनिवार को ही स्थानीय पुलिसकर्मियों और गैंगस्टर विकास दुबे की मिलीभगत की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था. राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित इस एसआईटी में अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा और डीआईजी रवींद्र गौड़ सदस्य हैं. इस टीम को 31 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट देनी है.


स्थानीय पुलिस पर विकास से मिलीभगत का आरोप


एसआईटी की ये टीम कानपुर शूटआउट के अलावा, विकास दुबे के पुलिसिया कनेक्शन की सभी बिंदुओं से जांच करेगी. SIT को कहा गया है कि वो ये जांच करे कि विकास दुबे के खिलाफ दर्ज FIR में क्या-क्या कदम उठाए गए थे. बता दें कि स्थानीय पुलिस पर विकास दुबे को ढील देने का आरोप है. कानपुर शूटआउट के मामले में विकास दुबे को पूर्व सूचना देने के मामले में दारोगा विनय तिवारी को गिरफ्तार भी किया गया है.



 


गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट के तहत क्या एक्शन हुआ


समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार SIT इन पहलुओं की भी जांच करेगी कि इतने खतरनाक अपराधी की बेल रद्द करने के लिए क्या क्या कदम उठाए गए. इसके अलावा विकास दुबे के खिलाफ गुंडा एक्ट, रासुका, गैंगस्टर एक्ट के तहत क्या-क्या एक्शन लिए गए. क्या विकास दुबे के खिलाफ जांच में किसी भी स्तर पर कोई कोताही बरती गई. इन सभी बिंदुओं की मुकम्मल जांच के लिए SIT की टीम घटनास्थल पर पहुंच गई है.


इधर विकास दुबे की सम्पत्ति की जांच के लिए आयकर विभाग भी सक्रिय हो गया है. आयकर विभाग का बेनामी सम्पत्ति विंग विकास के पैन नम्बर के जरिए पूरे मामले की जांच शुरू करने जा रहा है. सोमवार से इस मामले की जांच हो सकती है.