कोरोना मरीज के शव के साथ स्वास्थकर्मियों की लापरवाही


कोरोना के बढ़ते मामले और हो रही मौतों के बीच उस वक्त हड़कंप मच गया जब स्वास्थ विभाग की लापरवाही सामने आई. बगैर कवर के शवदाह के लिए लाए गए शव को स्वास्थकर्मियों द्वारा प्राकृतिक शवदाह गृह के बाहर ही छोड़कर भाग जाने से इलाके में हड़कंप मच गया.


परिजनों ने भी लापरवाही का परिचय देते हुए पीपीई किट को उतारकर मृतक के शव को खुद ही छूकर बांस की सीढ़ियों में बांधकर शवदाह गृह के अंदर घसीटते हुए ले जाने लगे. वहीं, मामला बढ़ता देख स्वास्थ विभाग ने कमान तो संभाली, लेकिन वे एक दूसरे के ऊपर दोष मढ़ने लगे.


पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कोरोना मरीजों की संख्या 500 के भी पार हो चुकी है, जिसमें से 20 की मौत भी हो चुकी है. वहीं, 300 से ज्यादा लोग इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं. लेकिन लापरवाही की सारी हदें तब पार हो गईं जब हरिश्चंद्र श्मशान घाट पर ही बने प्राकृतिक शवदाह गृह के प्लांट के बाहर बीएचयू के कोविड अस्पताल से शव वाहिनी में लाए गए शव को बगैर बैग के ही स्वास्थकर्मी परिजनों के हवाले छोड़कर भाग निकले. जिसके बाद परिजन भी मनमानी करते हुए अपना पीपीई किट उतारकर शव को छूने और बांस की सीढ़ियों में बांधकर प्राकृतिक शवदाह गृह में ले जाने लगे.


इस बारे में मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि बीएचयू अस्पताल से शव को बगैर कवर किए ही शव वाहन से लाकर प्राकृतिक शवदाह गृह के बाहर लोग छोड़कर चले गए. जिसके बाद शव को अपने हाथ से बांस की साढ़ियों से बांधना पड़ा. उन्होंने बताया कि ये प्रशासन की लापरवाही है. उन्हें शव को पूरी तरह पैक करके देना चाहिए था.