राष्ट्रीय किसान महासंघ छात्र इकाई ने कृषि अध्यादेशों व डीजल की बढ़ी कीमतों को वापस लेने हेतु प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। बताया गया कि राष्ट्रीय किसान महासंघ देश के 180 गैर राजनीतिक किसान संगठनो का समूह है। केन्द्र सरकार ने हालिया समय में 3 कृषि अध्यादेश लागू किये है एवं डीजल के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी की है। केन्द्र सरकार के ये सभी कदम किसान विरोधी है। कोरोना वायरस की महामारी के दोरान कृषि क्षेत्र किसानों की मेहनत के कारण ही देश की अर्थव्यवस्था का पहिया घूम रहा है। ऐसी महामारी में जब संसद बंद है उस समय केन्द्र सरकार अलोकतांत्रिक तरीके से बिना किसानों से सलाह मशवरा किये कृषि अध्यादेश ले आई इन अध्यादेशों के कारण किसानों के भविष्य एवं देश की खाद्य सुरक्षा पर गंभीर संकट मंडराने लगेगा। ज्ञापन में मांग की गई है कि किसान विरोधी कृषि अध्यादेशों को वापस लिया जाए। डीजल की बढ़ती कीमतों को वापस लिया जाए अन्यथा किसानों को डीजल पर सब्सिडी दी जाए। स्वामीनाथन आयोग के सी2+50 के फार्मूले अनुसार किसानों को एमएसपी दिया जाए एवं यदि कोई व्यापारी एमएसपी से कम पर किसान का उत्पाद खरीदता है तो उस पर कानूनी कार्यवाही करने का कानून बनाया जाए। किसानों को पूर्ण कर्जमुक्त किया जाए। अगर केन्द्र सरकार द्वारा 15 जुलाई तक मांगों का निराकरण नहीं किया गया तो उसके बाद आंदोलन को और तेज किया जाएगा। इस अवसर पर जिला छात्र अध्यक्ष राजवीर लाखा, छात्र मंत्री पिंटू लाखा, केवल केवरा, गोपाल चौधरी, संदीप लाखा, आकार शर्मा, सुजीत कलम, अमन कुशवाह आदि उपस्थित थे।
राष्ट्रीय किसान महासंघ छात्र इकाई ने कृषि अध्यादेशों व डीजल की बढ़ी कीमतों को वापस लेने हेतु प्रधानमंत्री के नाम दिया ज्ञापन